शब्दो का प्रहार
हर टूटे रिश्ते की नींव होती है शुरु
शव्द रुपी प्रहार से
लाठी हो या पत्थर
होता है बस जिस्म ही घायल
जिस्म की हड्डियो की टूटन
हो जाते है खत्म....
दवा व प्रेम की महलम से
लेकिन..शब्दों के प्रहार का दर्द्
कर् जाता है हर रिश्ते को घायल ।
(अंजना )
चित्र गूगल सर्च से साभार
कटु सत्य्।
जवाब देंहटाएंरिश्ते मीठे शब्दों से बोल कर बनते है,
जवाब देंहटाएंअनुपम भाव लिए सुंदर रचना...बेहतरीन पोस्ट
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