दुनिया की असलियत बतलाती रचना | स्वार्थी , ढोंगी ,मन को पीड़ा देने वाली । जीवन काअंत शून्य होते हुए भी ये दुनिया और इस दुनिया में रहने वाले कपट का दामन थामे हुए है |बहुत पुराने ज़माने में गुरुदत्त की एक फिल्म थी प्यासा उसमे गाना था ""ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है"" ,उसी तरह की विचार धारा की आपकी रचना बहुत अच्छी लगी
Yaad aa gaya, aapki rachna padhke:
जवाब देंहटाएंNa kuchh tera, na kuchh mera!
Ye duniya ek rain basera!
Phir kahe ko sari umariya,
Paap ki gathri dhoye?
आज कि मौजूदा स्थिति को व्यक्त करती हुई ये ......बेहतरीन रचना .......बहुत खूब लिखा आपने
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंदुनिया है ही ऐसी,अच्छा लिखा है आपने।
जवाब देंहटाएंफिर भी कपट का दामन न छोडे ये दुनिया
जवाब देंहटाएंsunadar rachna
bahut khub
shkhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
ye duniya agar mil bhi jaye to kya hai...
जवाब देंहटाएंhttp://dilkikalam-dileep.blogspot.com/
बढ़िया.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब लिखा आपने|||
जवाब देंहटाएं"RAM"
वर्तमान समय को शत प्रतिशत परिभाषित करती है आपकी कविता !
जवाब देंहटाएं“लालच को ओढ कर बैठी ये दुनिया
दीन और ईमान से आँखे चुराती ये दुनिया “
स्वार्थ का आंचल थामे ये दुनिया
जवाब देंहटाएंव्यर्थ का ढोग रचाती ये दुनिया .......
सुंदर रचना।
आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसंहिता जी दो लाइन जो आप ने जोडी उस से इस कविता मे ओर निखर आ गया ।आभार ..
दुनिया की असलियत बतलाती रचना | स्वार्थी , ढोंगी ,मन को पीड़ा देने वाली । जीवन काअंत शून्य होते हुए भी ये दुनिया और इस दुनिया में रहने वाले कपट का दामन थामे हुए है |बहुत पुराने ज़माने में गुरुदत्त की एक फिल्म थी प्यासा उसमे गाना था ""ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है"" ,उसी तरह की विचार धारा की आपकी रचना बहुत अच्छी लगी
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता ! दुनिया तो कपट और छल ही है ! इसी लिए तो इसे माया कही गयी है !
जवाब देंहटाएंbahut behtareen kavita....
जवाब देंहटाएंachhi rachna ke liye badhai...
mere blog par is baar..
नयी दुनिया
jaroor aayein....
महाभारत में यक्ष ने युधिष्ठर से पूछा था कि सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है......यही हकीकत है....क्या आश्चर्य जो अब भी स्वार्थी है दुनिया...
जवाब देंहटाएंKitna saty kaha hai...duniya sadiyon se aisi hai aur rahegi...
जवाब देंहटाएंek behtareen blog thanks anjanaji
जवाब देंहटाएंsaty kathan.......
जवाब देंहटाएंsunder abhivykti.
इसका आंसर है कुंवारापन
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