हर पल हर
लम्हा जाता है गुजर
रह जाती है
बस यादें शेष
भविष्य के
दर्पण मे
जब भी खुलता
है
भूतकाल का वो
अक्स
होता है इक
सुखद अहसास
फिर मन
को …
उम्र के उस
दराज में
ये स्मृतियाँ
ही
रह
जाती है शेष ..
दे जाती है
जो
इक
मीठी सी..
चुभन
दिल को..
उमंग और
उत्साह को
चित्रित करते
ये चित्र
बोझिल होते
उस पल में
बिखेर जाते
है खशबु अपनी ।
(अजंना)
चित्र गूगल से साभार