yesssssssssssssssssssssssssssssssssssssss
bahut khoobbakai duniya gol hai aur ranbirange hai insanhttp://sanjaykuamr.blogspot.com/
दुनियां अच्छी है
सही कहा आपने वाकई दुनिया गोल है तभी तो घूम फिर कर मिल ही जाते है।
दुनिया बहुत ही अच्छी और सुन्दर है! लाजवाब!
sahi kaha...
बात तो सही है...मगर इतने सारे दिल टूट कर क्यों गिर रहे हैं...?
बेचैन आत्मा जी ,वो तो देख रहे थे कि कैसा लुक लग रहा ब्लांक का ,इतने मे आप का आना हो गया ब्लांक पर...
...बहुत सुन्दर .. ब्लाग प्रसंशनीय है !!!
wakayi aapki duniya ke log to rang virange hain.....
ये थोड़ी से अंडाकार हो गयी ... पर फिर भी सही कहा है इस दुनिया में अलग अलग रंगों के लोग हैं ...
सुन्दर रचना ।
सही है दुनिया है गोल रंगबिरंगी ..औऱ लोग भी कम नहीं. एक ही इंसान अपने अंदर कई तरह के रंग छिपाए बैठा होता है।
छोटी सी पर प्यारी सी बात..अच्छी लगी. _____________और हाँ, 'पाखी की दुनिया' में साइंस सिटी की सैर करने जरुर आइयेगा !
bahut sahi sundar
आईये जाने .... प्रतिभाएं ही ईश्वर हैं !आचार्य जी
आईये जानें .... मैं कौन हूं!आचार्य जी
@दिगम्बर नासवा जी सही कहा थोडी अंडाकार हो गई ।प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आप सभी का बहुत बहुत आभार.....
Is rang badalti duniya mein kya tera hai kya mera hai.....?
Sahee kha aap neDuneeya...rang biragee hairang birage logon se
mnbhavn hai ved vyathit
ज्यामितीय आकारों से बने इस चित्र का गूढ़ार्थ तो नहीं समझ पाया किन्तु चित्र अच्छा लगा.
दुनिया बनाने वाले क्या तेरे दिल में समाईतुने काहे को दुनिया बनाई . ......
यदि रंग न होते ,तो इस दुनिया में हम उलझे न होते !बहुत सुंदर ! बधाई !
बहुत सुन्दर है दुनिया आपके चित्र की तरह बस देखने वाले की नज़र चाहिये। आभार।
चित्र और बात दोनों सुन्दर हैं...नीरज
वाह जी
प्रशंसनीय ।
गागर में सागर.
वाह! क्या बात है! लाजवाब प्रस्तुती!
sundar chitra.
सुन्दर!
yesssssssssssssssssssssssssssssssssssssss
जवाब देंहटाएंbahut khoob
जवाब देंहटाएंbakai duniya gol hai aur ranbirange hai insan
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
दुनियां अच्छी है
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने वाकई दुनिया गोल है तभी तो घूम फिर कर मिल ही जाते है।
जवाब देंहटाएंदुनिया बहुत ही अच्छी और सुन्दर है! लाजवाब!
जवाब देंहटाएंsahi kaha...
जवाब देंहटाएंबात तो सही है...
जवाब देंहटाएंमगर इतने सारे दिल टूट कर क्यों गिर रहे हैं...?
बात तो सही है...
जवाब देंहटाएंमगर इतने सारे दिल टूट कर क्यों गिर रहे हैं...?
बेचैन आत्मा जी ,वो तो देख रहे थे कि कैसा लुक लग रहा ब्लांक का ,इतने मे आप का आना हो गया ब्लांक पर...
जवाब देंहटाएं...बहुत सुन्दर .. ब्लाग प्रसंशनीय है !!!
जवाब देंहटाएंwakayi aapki duniya ke log to rang virange hain.....
जवाब देंहटाएंये थोड़ी से अंडाकार हो गयी ... पर फिर भी सही कहा है इस दुनिया में अलग अलग रंगों के लोग हैं ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना ।
जवाब देंहटाएंसही है दुनिया है गोल रंगबिरंगी ..औऱ लोग भी कम नहीं. एक ही इंसान अपने अंदर कई तरह के रंग छिपाए बैठा होता है।
जवाब देंहटाएंछोटी सी पर प्यारी सी बात..अच्छी लगी.
जवाब देंहटाएं_____________
और हाँ, 'पाखी की दुनिया' में साइंस सिटी की सैर करने जरुर आइयेगा !
bahut sahi sundar
जवाब देंहटाएंआईये जाने .... प्रतिभाएं ही ईश्वर हैं !
जवाब देंहटाएंआचार्य जी
आईये जानें .... मैं कौन हूं!
जवाब देंहटाएंआचार्य जी
@दिगम्बर नासवा जी सही कहा थोडी अंडाकार हो गई ।
जवाब देंहटाएंप्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आप सभी का बहुत बहुत आभार.....
Is rang badalti duniya mein kya tera hai kya mera hai.....?
जवाब देंहटाएंSahee kha aap ne
जवाब देंहटाएंDuneeya...
rang biragee hai
rang birage logon se
mnbhavn hai
जवाब देंहटाएंved vyathit
ज्यामितीय आकारों से बने इस चित्र का गूढ़ार्थ तो नहीं समझ पाया किन्तु चित्र अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंदुनिया बनाने वाले क्या तेरे दिल में समाई
जवाब देंहटाएंतुने काहे को दुनिया बनाई . ......
यदि रंग न होते ,तो इस दुनिया में हम उलझे न होते !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ! बधाई !
बहुत सुन्दर है दुनिया आपके चित्र की तरह बस देखने वाले की नज़र चाहिये। आभार।
जवाब देंहटाएंचित्र और बात दोनों सुन्दर हैं...
जवाब देंहटाएंनीरज
वाह जी
जवाब देंहटाएंप्रशंसनीय ।
जवाब देंहटाएंगागर में सागर.
जवाब देंहटाएंवाह! क्या बात है! लाजवाब प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंsundar chitra.
जवाब देंहटाएंसुन्दर!
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