ये गिलहरी जब मेरे घर आई तो उसे
भूखा देख झट से मैने उसे रोटी डाल
दी और भूखी होने के कारण झटपट
रोटी को कुतर कुतर कर खाने लगी ।
मै भी उसे खाती देखती रही ।सोचा
चलो इन लम्हो को कैद कर ले ,झट
से कैमरा ले कर आ गये । पास जाकर तस्वीर खीची वो तस्वीर आप भी
देखे।कितनी प्यारी लग रही है न ...
वाह...गिलहरी भी सुनदर और फोटोग्राफी भी गज़ब की....
जवाब देंहटाएंवाह...गज़ब की गिलहरी.
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारी ...!!
जवाब देंहटाएंबिलकुल आपकी तरह .....!!
aaha
जवाब देंहटाएंkitti sundar
manmohak photo
Vah pyaree gilaharee ----ekadam gulluu gulluu----
जवाब देंहटाएंPoonam
अपनी तस्वीर के लिये गिलहरी को धन्यवाद दीजिये..!
जवाब देंहटाएंबेहतर ..।
आभार..!
बिलकुल! बहुत प्यारी है. खाते देख हमें भी सुकून मिल रहा है. मैं भी खिलाया था गिलहरी को 'सब याद आ गया'
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चित्र है ! कैमरा कौन सा है ?
जवाब देंहटाएंमेरी कविता पर टिपण्णी के लिए शुक्रिया !
सैल जी ये कैमरा canon का है।
जवाब देंहटाएंलगता है मेरे बरामदे में बैठी वही गिलहरी है जो सुबह दिखी थी...!
जवाब देंहटाएंShe leaves her title or surname
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