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मंगलवार, 6 अप्रैल 2010

मेरी प्यारी गिलहरी




ये गिलहरी जब मेरे घर आई तो उसे
भूखा देख झट से मैने उसे रोटी डाल
दी और भूखी होने के कारण झटपट
रोटी को कुतर कुतर कर खाने लगी
मै भी उसे खाती देखती रही ।सोचा
चलो इन लम्हो को कैद कर ले ,झट
से कैमरा ले कर आ गये । पास जाकर तस्वीर खीची वो तस्वीर आप भी
देखे।कितनी प्यारी लग रही है न ...

11 टिप्‍पणियां:

  1. वाह...गिलहरी भी सुनदर और फोटोग्राफी भी गज़ब की....

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  2. बहुत प्यारी ...!!

    बिलकुल आपकी तरह .....!!

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  3. अपनी तस्वीर के लिये गिलहरी को धन्यवाद दीजिये..!
    बेहतर ..।
    आभार..!

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  4. बिलकुल! बहुत प्यारी है. खाते देख हमें भी सुकून मिल रहा है. मैं भी खिलाया था गिलहरी को 'सब याद आ गया'

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  5. बहुत सुन्दर चित्र है ! कैमरा कौन सा है ?

    मेरी कविता पर टिपण्णी के लिए शुक्रिया !

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  6. लगता है मेरे बरामदे में बैठी वही गिलहरी है जो सुबह दिखी थी...!

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