anjana
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रविवार, 9 जून 2013
मोड
दुख भी है गम भी है
दुख गमगीन दुनिया में
गुजर रहे है यूहीं तन्हा
रिश्ते है जिस्म के बस
दूर है शायद रुह की मंजिल
पल -पल हो रहा है एहसास
आ गई है मंजिल करीब
धोखा है महज सिर्फ
मोड है केवल ये
न जाने
कितने
मोड है अब बाकि.....
Anjanna
चित्र गूगल साभार्
1 टिप्पणी:
धीरेन्द्र सिंह भदौरिया
11 जून 2013 को 7:18 pm बजे
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